मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ (भाग – 1)
नर्मदा नदी
नर्मदा नदी देश की पांचवी बड़ी नदी है नर्मदा नदी उदगम स्थल अनूपपुर के अमरकंटक में है| एवं समापन गुजरात के खंभात की खाड़ी में होता है | मध्य प्रदेश की गंगा के नाम से प्रसिद्ध इस नदी की लंबाई 1312 किलोमीटर है, यह नदी प्रदेश के 15 जिलों से गुजरती है अनूपपुर, मंडला, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, होशंगाबाद, सीहोर, हरदा, देवास, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार एवं अलीराजपुर| मध्य प्रदेश में इसका बहाव 1077 कि. मी. है |
नर्मदा नदी की कुल 42 सहायक नदियां है जिनमे से 22 बाएं तथा 19 नदियां दाएं से है |
परियोजना
- रानी अवंती बाई सागर बरगी परियोजना ( जबलपुर, बिजोरा )
- सरदार सरोवर योजना (गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र संयुक्त)
- 29 बड़ी 135 मध्यम व 3000 छोटी योजनाएं (निर्माणाधीन)
- इंदिरा गांधी नर्मदा सागर परियोजना – खंडवा (पुनासा)
दर्शनीय स्थल – कपिलधारा, दुग्ध धारा, सहस्त्र धारा, व संगमरमर के बीच से बहती हुई विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट जलप्रपात बनाती है|
नर्मदा नदी के किनारे बसे प्रमुख शहर – होशंगाबाद, जबलपुर, माहेश्वर, ओमकारेश्वर व बुधनी
चंबल नदी
चंबल नदी का स्थान मध्य प्रदेश में महत्वपूर्ण है| महाभारत में वर्णित है कि राजा रति देव ने इसे उदगमित किया था | महू (इंदौर) के जानापाव पहाड़ी से इसका उदगम हुआ व इटावा में यमुना नदी में जाकर मिल जाती है | चम्बल नदी की मुख्य सहायक नदिया है – क्षिप्रा, कालीसिंध, पार्वती, बनास और बहाव उत्तर -पूर्व की ओर |यह नदी राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच सीमा रेखा बनाती है, नदी के जल द्वारा अवनालिका अपरदन से भिंड- मुरैना के निकट गहरी खाइयां है |
परियोजना
- गांधी सागर बांध जल विद्युत परियोजना मंदसौर
- जवाहर सागर (कोटा राजसरहं ) राणा प्रताप सागर(चितौड़गढ़, राजस्थान ) जल विद्युत केंद्र
- चंबल परियोजना राजस्थान व मध्यप्रदेश की संयुक्त परियोजना है
- चंबल श्योपुर नहर से भिंड, मुरैना, ग्वालियर, मंदसौर व नीमच जिलों में सिंचाई होती है|
बेतवा नदी
रायसेन के कुमरा ग्राम से उदगमित बेतवा नदी उत्तर प्रदेश में यमुना में जाकर मिलती है| यह नदी उत्तर प्रदेश – मध्य प्रदेश की सीमा बनाती है इसकी 840 किमी है | बेतवा के किनारे बसे शहर हैं ओरछा सांची और विदिशा|
सहायक नदियां – धसान, बेस, बीना, जामिनी|
परियोजना
- माताटीला बांध (महारानी लक्ष्मीबाई सागर)
- भांडेर नहर (दतिया, ग्वालियर, भिंड लाभान्वित)
- हलाली नहर (विदिशा, रायसेन)
सोन नदी
अन्य नाम- शोण, स्वर्ण, शोनभद्र
सोन नदी अनूपपुर अमरकंटक से उदगमित होती है एवं पटना के निकट गंगा में समाहित होती है | इसकी लम्बाई 780 की. मी. है, यह मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश होती हुई बिहार तक बहती है |
सहायक नदियां – जोहिला, बनास, गोपद, रिहन्द |
परियोजना
- बाणसागर (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार संयुक्त) प्रमुख बांध देवलोद (शहडोल) में बनाया गया है|
- बाणभट्ट सोन तट पर है
क्षिप्रा नदी
क्षिप्रा नदी इंदौर ककरी बरडी पहाड़ी से निकलकर उज्जैन, रतलाम, मंदसौर से बहती हुई चंबल में मिल जाती है इसकी लंबाई 195 किलोमीटर है| इसके किनारे पर बसा हुआ उज्जैन प्रमुख शहर है | इस शहर में सिंहस्थ कुम्भ का आयोजन होता है | समुद्र मंथन के बाद 14 रत्नों का बंटवारा क्षिप्रा (उज्जैन ) में हुआ था|
सहायक नदियां – खान, गंभीर
ताप्ती नदी
सूर्य पुत्री ताप्ती नदी का उद्गम स्थल बैतूल जिले के मुलताई में है यह नदी नर्मदा के समानांतर बहती हुई मध्य प्रदेश की दक्षिणी सीमा निर्धारित करती हुई सूरत के निकट खंभात की खाड़ी में गिरती है| यह 724 किलोमीटर लंबी नदी है | यह मध्यप्रदेश एवं गुजरात की प्रमुख नदियों में से एक है इसके किनारे बसे हुए प्रमुख शहरों में बुरहानपुर व सूरत है|
परियोजनाएं – काकरापारा और उकाई परियोजना गुजरात
सहायक नदिया – पूर्णा, बाघुड़, गिरना, बोरी, शिवा