नीति आयोग/policy commission (overview)
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत है
नीति आयोग के अन्य सदस्यों में विवेक देवराय, वीके सारस्वत, रमेश चंद्र और विनोद पाल शामिल है
नीति आयोग – नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफार्मरिंग इंडिया
- गठन – 1 जनवरी 2015
- पूर्ववर्ती – योजना आयोग
- अधिकार क्षेत्र – भारत सरकार
- मुख्यालय – नई दिल्ली
- कार्यपालक – नरेंद्र मोदी (अधीक्षक)
- उपाध्यक्ष – राजीव कुमार
- संस्थापक – नेशनल डेमोक्रेटिक एलान्स
- वार्षिक बजट – 339.65 cr
- मूल एजेंसी – मिनिस्ट्री आफ प्लानिंग
योजना आयोग और नीति आयोग में मूलभूत अंतर यह है कि इससे केंद्र से राज्य की तरफ चलने वाले एक पक्षीय नीति गण क्रम को एक महत्वपूर्ण विकासवादी परिवर्तन के रूप में राज्यों की वास्तविक और सतत भागीदारी से बदल दिया जायेगा |
नीति आयोग का उद्द्येश – सतत आधार पर राज्यों के साथ संरचित समर्थन पहलों और प्रणालियों के माध्यम से संघवाद को बढ़ावा देना,” मजबूत राज्य ही मजबूत देश का निर्माण कर सकता है ” इसे मान्यता प्रदान करना|
- राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों का एक सांझा दृष्टिकोण विकसित करना|
- सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं इस तथ्य को स्वीकार करते हुए राज्यों के साथ सतत आधार पर संरचनात्मक सहयोग की पहल और तंत्रों के माध्यम से सहयोग पूर्ण संघवाद को बढ़ावा देना|
- ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजनाएं तैयार करने के लिए तंत्र विकसित करना और इन सभी को उत्तरोत्तर रूप से सरकार के उच्चतर स्तर तक पहुंचाना|
- जो क्षेत्र विशेष रूप से आयोग को निदृष्ट किए गए हैं उनकी आर्थिक रणनीति और नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को सम्मिलित करने को सुनिश्चित करना|
- हमारे समाज के उन विशेष वर्गों पर ध्यान देना जिन तक आर्थिक प्रगति से उचित प्रकार से लाभान्वित ना हो पाने का जोखिम हो|
- रणनीतिक और दीर्घ अवधि के लिए नीति तथा कार्यक्रम का ढांचा तैयार करना और उनकी प्रगति और क्षमता का मापदंड तैयार करना | अनुवीक्षण और प्रतिक्रिया के आधार पर नवीन सुधार में उपयोग किए जाएंगे जिसके अंतर्गत मध्य अवधि संशोधन भी है|
- महत्वपूर्ण पणधारियों तथा समान विचारधारा वाले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक और साथ ही साथ शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थाओं के बीच परामर्श और भागीदारी को प्रोत्साहन देना|
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों वृतिकों तथा अन्य भागीदारों के सहयोगात्मक समुदाय के माध्यम से ज्ञान व नवाचार, उद्यमशीलता, सहायक प्रणाली बनाना|
- विकास के एजेंडे के कार्यान्वयन में तीव्रता लाने के क्रम में अंतर क्षेत्रीय और अंतर्विभागीय मुद्दों के निपटान (समाधान )के लिए एक मंच प्रदान करना|
- अत्याधुनिक संसाधन केंद्र बनाना जो सुशासन तथा सतत और न्याय संगत विकास की सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणाली पर अनुसंधान करने के साथ-साथ पण धारियों तक पहुंचाने में भी मदद करें|
- आवश्यक संसाधनों की पहचान करने सहित कार्यक्रमों और उपायों के कार्यान्वयन का सक्रिय मूल्यांकन और सक्रिय अनुवीक्षण करना, ताकि सेवाएं प्रदान करने में सफलता की संभावनाओं को प्रबल बनाया जा सके|
- कार्यक्रमों और नीतियों के क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण पर जोर|
- राष्ट्रीय विकास और एजेंडा और उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अन्य आवश्यक गतिविधियों का उत्तरदायित्व लेना|
विशेषताएं – नीति आयोग स्वयं को एक अत्याधुनिक संसाधन केंद्र के रूप में विकसित कर रहा है जिसमें आवश्यक संसाधन, ज्ञान और कौशल है| जो इसे गति के साथ कार्य करने, अनुसन्धान और नवाचार को बढ़ावा देने, सरकार के लिए कार्यनीतिक नीति दृष्टि प्रदान करने और आकस्मिक मुद्दों का समाधान करने में सक्षम करेगा |
नीति आयोग की संपूर्ण गतिविधियों को चार मुख्य प्रमुखों में विभाजित किया जा सकता है
- 1- नीति निर्माण और कार्यक्रम की रूपरेखा|
- 2- सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना|
- 3- अनुवीक्षण और मूल्यांकन|
- 4- थिंक टैंक और ज्ञान एवं नवोन्मेष हब|
नीति आयोग के विभिन्न वर्टिकल इसके अधि देश को पूरा करने के लिए नीति आयोग के लिए आवश्यक समन्वय और सहायक ढांचा प्रदान करते हैं| वर्टिकल की सूची निम्नानुसार है :-
- 1- कृषि
- 2- महिला एवं बाल विकास
- 3- स्वास्थ्य
- 4- शासन एवं अनुसन्धान
- 5- मानव संसाधन विकास
- 6- कौशल विभाग और रोज़गार
- 7- सतत विकास लक्ष्य
- 8- ग्रामीण विकास
- 9- ऊर्जा
- 10- शहरी प्रबंधन
- 11- उद्योग
- 12- अवसंरचना
- 13- वित्तीय संसाधन
- 14- प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण
- 15- विज्ञानं और तकनीक
- 16- राज्य समन्वय और विकेन्द्रीकृत योजना
- 17- सामाजिक न्याय और अधिकारिता
- 18- भूमि और जल संसाधन
- 19- डेटा प्रबंधन और संसाधन
- 20- सार्वजनिक निजी भागीदारी
- 21- परियोजना मूल्यांकन और प्रबंध प्रभाग (पी ए ऍम डी )
- 22- विकास अनुवीक्षण और मूल्यांकन कार्यालय
- 23- राष्ट्रिय श्रम अर्थशास्त्र अनुसन्धान और विकास संसाधन(एन आई एल ई आर डी )