प्रदेश के पश्चिमी भाग में लावा मिट्टी (दक्कन ट्रैप चट्टानों) से निर्मित नर्मदा घाटी के उत्तर में विंध्याचल श्रेणी से पूर्व में अशोकनगर से पश्चिम में मंदसौर तक 74°17′ से 79°20′ पूर्वी देशान्तर व 20°17′ से 25°’ उत्तरी अक्षांश के मध्य स्थित है |
इतिहास
मौर्य युग में मालवा का पश्चिमी भाग अवंतिका (राजधानी उज्जैन) कहलाता था तथा पूर्वी भाग अकरा (राजधानी-विदिशा )|
मालवा का नामकरण अत्यंत पूरा -ऐतिहासिक जाति मालव, जिसका मूल निवास पंजाब में चिनाब तथा राबी नदियों के बीच रेचना दोआब में था, के नाम पर हुआ है |इन्ही मालव जाति के लोगो ने छठी शताब्दी में यहां सत्ता स्थापित की |बाद में परमार, मुस्लिम, सूरी एवं खिलजी तथा मुग़ल शाशकों ने यहां राज किया |18वीं सदी में पेशवाओं ने तत्पश्चात पेशवाओं को हरा कर अंग्रेजों ने 1818 ई. में सत्ता स्थापित की |यहां की रियासतों को मध्य भारत के नाम से जाना जाता था, जो वर्ष 1956(राज्य पुनर्गठन )में मध्य प्रदेश में सम्मिलित हुई |
- क्षेत्राफल – 88222. 2वर्ग किमी (मध्य प्रदेश का 28.62%)
- जिले – 17 जिलों का पूर्ण आंशिक भाग आता है-मंदसौर, राजगढ़, उज्जैन (नागदा -प्रस्तावित ) इंदौर, भोपाल, धार, गुना, रतलाम, झाबुआ, देवास, शाजापुर, सीहोर, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, सागर व अलीराजपुर |
- नदियां-काली सिन्ध, क्षिप्रा, पार्वती, चम्बल, बेतवा।
- तापमान-अधिकतम 40° से. न्यूनतम 10-12° से.
- वर्षा- 125 से 75 से.मी.
- वन भूमि- 39 से 40% तक
- उद्योग-नागदा-कृत्रिम रेशा। इन्दौर, रतलाम, देवास, उज्जैन व भोपाल में सूती कपड़ा भारत है। इलैक्ट्रिकल्स लि.-भोपाल। पीथमपुर-ऑटोमोबाइल उद्योग।
- पर्वत- महू की जानापाव पहाड़ी (854 मी.) से चम्बल नदी का उद्गम (बान्वू प्वाइंट)। मालवा के पठार की सबसे ऊंची चोटी सिगार चोटी है। इसकी ऊंचाई 881 मीटर है।
- वर्ष 2012 में मंदसौर को पवित्र नगर घोषित किया गया।