मध्यप्रदेश – प्रमुख फसल (सामान्य ज्ञान)
कृषि के अंतर्गत फसल वर्गीकरण में मक्का को अनाज में, सरसों को तिलहन में, चना को दलहन में, तथा मटर को सब्जियों में सम्मिलित किया जाता है|
- अनाज – गेहूं, ज्वार, मक्का, धान
- तिलहन – सोयाबीन, सरसों, अलसी
- दलहन – चना, तुवर, मसूर
- सब्जियां – हरी मटर, फूलगोभी, भिंडी, टमाटर, आलू, प्याज
- फल – आम, अमरूद, केला, संतरा, पपीता
- मसाले – मिर्च, लहसुन, हल्दी, अदरक, धनिया
मध्य प्रदेश के कृषि जलवायु क्षेत्र
भौगोलिक व जलवायु भिन्न-भिन्न होने के कारण मध्य प्रदेश को विशिष्ट कृषि जलवायु क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है |राज्य के 09 कृषि जलवायु क्षेत्र व 5 फसल क्षेत्र है |
जलोढ़ मृदा एवं 80 से 100 सेंटीमीटर औसत वर्षा वाले क्षेत्र में राज्य के ग्वालियर, भिंड, मुरैना, अशोक नगर एवं शिवपुरी जिले सम्मिलित है यह कृषि जलवायु क्षेत्र तिलहन के लिए प्रसिद्ध है साथ ही शिवपुरी जिले में मूंगफली का उत्पादन सर्वाधिक होता है | इस कृषि क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला बीनगंज क्षेत्र धनिया उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है|
कृषि जलवायु क्षेत्र और फसल
- कैमूर का पठार और सतपुड़ा की पहाड़ी – गेहूं, धान
- मध्य नर्मदा घाटी – गेहूं
- विंध्य का पठार – गेहूं
- मध्य क्षेत्र – गेहूं, ज्वार
- बुंदेलखंड – गेहूं, ज्वार
- सतपुड़ा का पठार – गेहूं, ज्वार
- मालवा का पठार – कपास, ज्वार
- निमाड़ का मैदान – कपास, ज्वार
- झाबुआ की पहाड़ी – कपास
मध्य प्रदेश के फसल क्षेत्र
- कपास /ज्वार – मध्यप्रदेश का पश्चिमी, उत्तर पश्चिमी तथा दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र
- गेहूं /ज्वार – संपूर्ण मध्यप्रदेश, किंतु उत्तरी भाग में अत्यधिक उत्पादन
- धान क्षेत्र – मध्य प्रदेश का पूर्वी व दक्षिणी – पूर्वी क्षेत्र
- गेहूं क्षेत्र – मध्य प्रदेश का मध्य भाग व मालवा क्षेत्र
- गेहूं/धान क्षेत्र – मध्य प्रदेश का पूर्वी भाग
रबी एवं खरीफ फसले
खरीफ की फसल को बुवाई के समय अधिक गर्मी और नमी की आवश्यकता होती है और शुष्क वातावरण में फसल पकती है इसलिए जून-जुलाई में फसल बोई जाती है और अक्टूबर महीने में काटी जाती है | इसकी प्रमुख फसल है धान इसके अलावा ज्वार, बाजरा, मक्का, गन्ना, मूंगफली, कपास, सोयाबीन, जूट इत्यादि है|
रबी इस फसल की बुआई के समय कब कम तापमान की आवश्यकता होती है और पकते समय शुष्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है इसलिए अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में काटी जाती है| इसकी मुख्य फसल गेहूं है | इसके अलावा सरसों, जौ, मटर, राई आलू, चना इत्यादि हैं|
जायद फसल – मार्च और जून के बीच उगाई जाने वाली फसलें गर्मी की फसलें होती है, जिन्हें जायद’ नाम से जाना जाता है |
खरीफ की फसल मध्य प्रदेश के 67% तथा रबी की फसलें मध्य प्रदेश के 33% भाग में उगाई जाती है| मध्य प्रदेश की मुख्य खाद्यान्न फसल गेहूं है जिसमें उत्पादन के लिए मध्यप्रदेश को कृषि कर्मण अवार्ड भी मिला है भारत में उत्तर प्रदेश के पश्चात गेहूं उत्पादन में मध्यप्रदेश का द्वितीय स्थान है गेहूं की कृषि के लिए हल्की दोमट मृदा 10 से 15°C तापमान तथा लगभग 75°C सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है| मध्य प्रदेश में अशोक नगर गेहूं उत्पादन में प्रथम स्थान पर है जबकि इसके बाद क्रमशः श्योपुर एवं ग्वालियर का स्थान आता है |
- वर्ष 2011 में मध्यप्रदेश के खमरिया जबलपुर में गेहूं और मक्का के क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय गेहूं और मक्का शोध केंद्र ‘की स्थापना की गई है|
- मध्यप्रदेश में गेहूं अनुसंधान केंद्र होशंगाबाद के पावर खेड़ा में स्थित है मध्य प्रदेश की मुख्य खाद्यान्न फसल गेहूं है, जिसके उत्पादन के लिए मध्यप्रदेश को कृषि कर्मण अवार्ड भी दिया गया है| मध्यप्रदेश देश का लगभग 18.2% गेहूं उत्पादन करता है |
- मालवा के पठार को गेहूं की डलिया भी कहा जाता है|
- मध्यप्रदेश में हरित क्रांति का सर्वाधिक प्रभाव गेहूं और चावल की कृषि के विकास में हो रहा है|
- मध्यप्रदेश में मक्का का कृषि क्षेत्रफल वर्ग 1262 हेक्टेयर हो गया है | प्रदेश में धार जिला मक्का उत्पादन में प्रथम है|