मध्यप्रदेश – कृषि (सामान्य ज्ञान)
कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों को अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत सम्मिलित किया जाता है मध्य प्रदेश की 72.37% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, जिनकी आजीविका का प्रधान साधन कृषि है। मध्यप्रदेश में कृषि आजीविका का मुख्य साधन है तथा यह अत्यधिक वर्षा पर निर्भर है।
मध्य प्रदेश में कृषि क्षेत्र के तथ्य
- मधय प्रदेश में कुल कार्यशील जनसंख्या – 2.57 करोड़
- मधय प्रदेश में कुल कृषक जनसंख्या – 1.10 करोड़
- मध्य प्रदेश में कुल खेतिहर मज़दूर – 74 लाख
- मध्य प्रदेश का कुल क्षेत्रफल – 3.08 करोड़ वर्ग हेक्टेयर
- मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति खाद्यान्न उत्पादन – 249.20 किलो
कार्यशील जनसँख्या
2011 के जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश में कुल श्रमिकों की संख्या लगभग तीन करोड़ 15 लाख है, जिसमें कृषकों का प्रतिशत 31.2% है। आंकड़ों के अनुसार राज्य में कृषि पर निर्भरता (ग्रामीण एवं शहरी) वर्ष 2001 की तुलना में वर्ष 2011 में घटी है जबकि केवल ग्रामीण क्षेत्र में कृषि पर निर्भरता वर्ष 2001 में 85.5% की तुलना में वर्ष 2011 में 85.6% की मामूली परिवर्तन के साथ बढ़त हुई है ।
- कृषि पर कुल निर्भरता – 69.8%
- कृषको कि संख्या – 31. 2%
- कृषि श्रमिकों कि संख्या – 38. 6%
- कृषि पर ग्रामीण निर्भरता – 85. 6%
- कृषि पर कुल निर्भरता – 69.8%
मध्प्रदेश में कृषि भू जोतों का आकार 1.78 हेक्टेयर है । मध्प्रदेश में कुल कृषि क्षेत्रफल निम्नानुसार है-
- अनाज – 41%
- तिलहन – 29%
- दलहन – 21%
- उद्यानिकी – 6%
- वाणिज्यिक – 3%
भूमि उपयोग का प्रतिरूप मृदा, जलवायु , स्थलाकृति प्रौद्योगिकी, जलवायु का सामूहिक प्रतिफल है।
कृषि संबंधी संस्थान
- म.प्र. कृषि अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान – भोपाल
- कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय – जबलपुर
- प्रदेश का चावल अनुसंधान केंद्र – बड़वानी
- उद्यानिकी महाविद्यालय – मंदसौर
कृषि आर्थिक सर्वेक्षण
आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 के अनुसार विगत 2 सालों में प्रदेश में दलहनों को छोड़कर सभी अनाज और दलहन का रकबा घटा है सबसे अधिक तिलहन का उत्पादन 15% तक घटा है। उड़द और चने के उत्पादन में बढ़ोतरी होने से दलहनों का कुल उत्पादन साल दर साल के आधार पर 15.35% बढ़ा है ।
मध्यप्रदेश में जैविक खेती
जैविक कृषि को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश सरकार ने मंडला जिले में 47 हेक्टेयर भूमि जैविक कृषि के लिए प्रदान की है इसमें जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (जबलपुर )द्वारा जैविक कृषि अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है । मध्यप्रदेश में सर्वाधिक जैविक कृषि की जाती है । 2.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल जैविक खेती होती है ।
“फार्म टू फॉर्क” (Farm to Fork) मध्य प्रदेश की राज्य जैविक नीति का दृष्टिकोण है। मध्य प्रदेश जैविक खेती को बढ़ावा देने वाला देश का अग्रणी राज्य है। प्रदेश के वर्ष, 2011 में अपनी जैविक कृषि नीति बनाई । जिसका दृष्टिकोण ‘ फार्म टू फॉक ‘ है । प्रदेश में सर्वप्रथम 2001-02 में जैविक खेती का आंदोलन चलाकर प्रत्येक विकासखंड के एक गांव में जैविक खेती प्रारंभ की गई है, और इन गांव को “जैविक गांव ” का नाम दिया गया है।