इस लेख मे BIMSTEC को संक्षिप्त में विश्लेषित किया गया है।
BIMSTEC
बिम्सटेक (BIMSTEC) बंगाल की खाड़ी के पास के देशों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। जिसमे भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल है। इसकी स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक में की गई।
पृष्ठभूमि
सबसे पहले संस्थापक देशों ने बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, थाइलैंड ने मिलकर BIST-EC बनाया। जिसमे 22 दिसंबर 1997 को म्यांमार शामिल हुआ और इसका नाम बिम्स-ईसी कर दिया गया। नेपाल बाद में साल 1998 में पर्यवेक्षक देश के रूप में जुड़ा। और साल 2004 फरवरी में नेपाल और भूटान पूर्ण सदस्य बन गए। और 31 जुलाई 2004 को इसका नाम BIMSTEC (बिम्सटेक) पड़ा।
सदस्य देश
बिम्सटेक में शामिल देशों की संख्या 7 है जिनमे बंगाल की खाड़ी के पास बसे देश है।
बांग्लादे, भारत, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार (बर्मा), थाइलैंड
उद्देश्य
सभी देश सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी सहायता करेंगे, एक दूसरे को प्रशिक्षण दे सकेंगे।
सभी सदस्य देशों के बीच आपसी व्यापार में आने वाली दिक्कतों को कम करना।
सभी देशों में सहयोग और समानता की भावना।
चुनौतियां
बिम्सटेक (BIMSTEC) इतना उपयोगी होते हुए भी एक सफल संगठन नहीं माना जा सकता जिसके निम्नलिखित कारण है।
बिम्सटेक की शुरुआत में हर 2 वर्ष में शिखर सम्मेलन करने का फैसला लिया गया, लेकिन 2018 तक 20 वर्षों में इसकी सिर्फ चार शिखर सम्मेलन हो सके है।
सदस्य देशों का भी बिम्सटेक के प्रति रुझान कुछ फीका है भारत इसका उपयोग तभी करता है जब सार्क के माध्यम से असफल रहता है और म्यांमार और थाईलैंड जैसे देश आसियान की तरफ ज्यादा आकर्षित हैं।
बिम्सटेक का उद्देश्य व्यापारिक ना होकर एक बहुत ज्यादा भाईचारे का है और पड़ोसी देशों में इतना भाईचारा कम पाया जाता है। म्यांमार का विवाद बांग्लादेश के रोहिंग्या को लेकर चल रहा है और थाइलैंड से सीमा विवाद भी है।
भारत के लिए महत्व
भारत की पड़ोस पहले की नीति के अनुसार ये संगठन सबसे ज्यादा कारगर है।
एक्ट ईस्ट इसका मतलब है भारत को दक्षिणी पूर्वी एशिया से जोड़ना।
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का विकास बंगाल की खाड़ी से जुड़कर आसानी से हो सकता है।
सार्क और बिम्सटेक में अंतर
सार्क
दक्षिण एशिया में बंगाल की खाड़ी देशों का क्षेत्रीय संगठन ।
1985 में शीत युद्ध से पहले का संगठन।
सदस्य देशों में एकता नहीं है और विवाद चलता रहता है .…
क्षेत्रीय राजनीति भी प्रभाव डालती है।
शक्ति संतुलित देश शामिल नहीं
क्षेत्रीय व्यापार में केवल 5% वृद्धि।
बिम्सटेक
दक्षिण एशिया और दक्षिणी पूरी एशिया को जोड़ने वाला संगठन
1997 में स्थापित शीत युद्ध के बाद का संगठन।
सदस्य देशों में अभी तक बहुत कम विवाद है
राजनीति का कम हस्तक्षेप।
भारत और थाइलैंड जैसे शक्ति संतुलित देश शामिल
क्षेत्रीय व्यापार में 6℅ वृद्धि।